Benefits of Ear Piercing : सनातन धर्म में कान बनवाने को कर्ण वेध संस्कार कहते हैं । आपको बता दें की हिन्दुओ में लड़की और लड़के दोनों के कान छिदवाए जाते है। कान छिदवाने को हिन्दू धर्म में 16 संस्कारों में से एक माना जाता है। क्या आपको बता है की कान छिदवाने के बहुत सारे फायदे भी होते है। कान छिदवाने से आँखों की रौशनी तेज होती है तनाव दूर होता है। आज कल तो हर एक लड़की एक से अधिक कान छिदवाती है।कान में इयररिंग्स डाल कर कान और अधिक खूबसूरत दिखने लग जाते है। चलिए आज इसके बड़े फैयदों के बारे में जानते है।
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कान छिदवाने के फायदे
कान छिदवाने से आँखों की रोशनी तेज होती है, कान छिदवाने से तनाव कम हो जाता है। कान छिदवाने से लकवा जैसी बीमारियों से काफी हद तक बचा जा सकता है। कान छिदवाने पाचन क्रिया में सुधार आता है। कान छिदवाने से मष्तिष्क का विकास काफी तेजी से होता है। कान छिदवाने से सुनने की क्षमता बढ़ती है। कान छिदवाने से वीर्य सरक्षण में भी काफी लाभ मिलता है।
किस उम्र में करवाए कनछेदन
एक्सपर्ट्स के मुताबिक कान छिदवाने की उम्र 9 से 10 साल की सही मानी जाती है क्योंकि इस उम्र में बच्चों को पता होता है की वह क्या कार्य करने जा रहे है और इसकी देख भार कैसे करनी है। बच्चे अपनी इयररिंग्स की अच्छे से देखभाल कर लेते हैं। साथ ही उनको अगर दर्द होती है तो वो बोल सकते है। अगर आप छोटी उम्र में बच्चों का कान छिदवाते हो तो उनको इस बारे में जानकारी नहीं होती है और वह अपना ध्यान भी नहीं रख सकते है।
कण छिदवाने के बाद दर्द से कैसे राहत पाएं
कान को छिदवाने की बाद काफी दर्द होता है जिसे ठीक करने के लिए आप बर्फ का यूज़ कर सकते है वहीं सरसों का हल्का गर्म आयल लगा। लोगों के अनुसार मशीन के तेल को लगाने से भी दर्द से राहत मिलती है। डॉ की सलाह लेकर एंटीबायोटिक महरम भी लगा सकते है। नारियल के तेल को लगाकर अपनी इयररिंग्स को घुमाए नहीं तो वो एक जगह स्किन के साथ चिपक जाती है और जब आप हिलते जुलते हो सोते वक्त तो फिर दर्द महसूस होता है।