Public Updates ( काजल तिवारी ) -:   कोरोना का जिक्र होते ही दिल में दहशत और शरीर में सिहरन होने लगी है | आखिर हो भी क्यों नहीं कोरोना वायरस की वजह से लाखो परिवार उजड़ गए | दुनिया का शायद ही कोई हिस्सा बचा होगा जहा कोरोना ने तबाही नहीं मचाई होगी | कोई ऐसा परिवार नहीं रहा होगा जिंन्होने अपने को या रिश्तेदारों को नहीं खोया होगा |

अब भी रह रह कर कोरोना वायरस के वेरियंट के बारे में जानकारी आती रहती है कोरोना से जो लोग उबरे वो भी अलग अलग किस्म की दिक्कतों की बात करते है इसकी वजह से बच्चो की पढाई लिखे भी प्रभावित हुई | पढाई के मामले में ओईसीडी की हैरान करने वाली रिपोर्ट आई है |

आईसीडी की रिपोर्ट्स के अनुसार कोरोना की वजह से बच्चो के दीमकाज में नहीं परन्तु पढाई में बहुत असर पड़ा है देखा जाये तो बच्चो की ऑनलाइन क्लास लगी जिसके चलते बच्च की रीडिंग की हैबिट ख़तम होगी बच्चे मैथ में भी बहुत कमजोर हो गए है |

बच्चो को अब ज्यादा तर लगाव मोबाइल के साथ ह गया है और घर में रहने का ऑनलाइन क्लास का देखा जाये तो कोरोना काल में बच्चो का टीचर्स के साथ भी कोई मिलाव नहीं था ऑनलाइन ही सारी पढाई की जाती थी जिसका परिणाम अब बच्चो के मैथ में रीडिंग में पड़ा है |

पेरिस बेस्ड संगठन ने 2018 से तुलना करते हुए पाया कि रीडिंग की हैबिट में 10 अंक और गणित की पढ़ाई में 15 अंक की कमी आई | टीचर्स का कहना है की जो बच्चे पहले पढाई में बहुत तेज थे और मैथ के सवाल एक मिंट में सोल्व हो जाते है लेकिन अब उनको बहुत टाइम लग जाता है |

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