Public Updates ( काजल तिवारी ) -:  पंजाब में भगवंत मान सरकार और राज्यपाल बनवारीलाल के बीच घमाशान विरोध चल रहा था जिसके को लेकर CM मान हाई कोर्ट तक पहुंच गए था | वजह बिलपास के हस्ताक्चर को लेकर यह विवाद हुआ था | जिसके बाद जाने सुप्रीम कुर्त ने क्या कहा

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई लोकतंत्र सही महीने में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के हाथ हटी है | सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा की अगर राज्य सरकार और  राज्यपाल में डेडलॉक बना हुआ है | तो ये चिंता का विषय है | राज्य में ये ज भी घंटनाक्रम चल रहा है इसे हम खुश नहीं है |

बीती सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सभी गवर्नरों को झाड़ लगाई थी कि राज्य सरकारें विधानसभा से पारित बिलों को राज्यपाल से पास कराने के लिए बार-बार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाती हैं। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने बीती सुनवाई में कहा था राज्यपालों को यह समझना चाहिए कि वो चुनी हुई अथॉरिटीज नहीं हैं। राज्य सरकारों के कोर्ट जाने के बाद ही गवर्नर बिल पर कार्रवाई क्यों करते हैं? इसे रोकना होगा।

किस आधार पर सत्र को असंवैधानिक घोषित किया- SC जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच में मामले की सुनवाई हुई। बेंच ने राज्यपाल की शक्तियों पर सवाल उठाते हुए ये भी कहा कि विधानसभा सत्र को किस आधार पर असंवैधानिक घोषित किया। कोर्ट ने ये भी कहा कि विधेयकों पर सहमति देने की राज्यपाल की शक्ति के पर कानून तय करने के लिए हम एक संक्षिप्त आदेश भी पारित करेंगे।

CJI ने पूछा- किस शक्ति का इस्तेमाल कर सत्र अवैध बताया सुनवाई के दौरान CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- राज्यपाल किस शक्ति का प्रयोग करते हुए कह रहे हैं कि स्पीकर ने विधानसभा का जो सत्र बुलाया है, वह अवैध है। स्पीकर स बुलाता है। हमें बताएं कि राज्यपाल की यह कहने की शक्ति क्या है? क्या स्पीकर के पास यह कहने की शक्ति नहीं है कि स्थगित करो ?

 

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