पब्लिक अपडेट ( काजल तिवारी )-:  सी.एम. मान ने आज 710 पटवारियों को नियुक्ति पत्र बांटे। एक तरह से उन्होंने नियुक्ति पत्र के रूप में पटवारियों के हाथ में कलम सौंपी है। इस दौरान उन्होंने संबोधन करते हुए कहा कि नियुक्ति पत्र लेने आने आए पटवारियों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि ये न तो कोई राजनीतिक रैली है और न ही कोई शक्ति प्रदर्शन। ये पंजाब के आने वाले 30-40 वर्षों के लिए पंजाब में फैसलों संबंधी प्रोग्राम है। आज पनीरी बीज रहे हैं आने वाले यह पनीरी अफसर रूम में फल फूल देगी। जब किसी राज्य में सरकारें इस तरह की हों जहां लोगों की परवाह नहीं करते हों सवाल उठने स्वाभाविक हैं। लोगों द्वारा चुने के बाद प्रतिनिधि अपने महलों के दरवाजे अंदर से बंद कर आम आदमी की एंट्री बंद कर दे तो उनका गुस्से होना लाजिमी है। सरकार का रेवेन्यू कहां से आएगा, नौजवान किस बात से बेचैन है। डिग्री मिल रही है लेकिन डिग्री मुताबिक काम मिल रहा है या नहीं किसी ने ध्यान नहीं दिया। फिर पंजाब में धरने, टैंकियां, टावर राज्य के मुर्दाबाद के नारों से गूंजती रहेगी।

सी.एम. मान ने नए पटवारियों को नियुक्ति पत्र बांटने के साथ-साथ कहा कहा कि वह उनके लिए एक और खुशखबरी लेकर आए हैं। उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि ट्रेनिंग पर जाने वाले पटवारियों को पहले 5000 रुपए महीना वित्तीय भत्ता मिलता था लेकिन अब 18,000 रुपए मिलेगा लेकिन एक शरत् है, कलम छोड़ हड़ताल वाला कोई पंगा नहीं पड़ना चाहिए। कलम जितनी इस्तेमाल करेंगे, भत्ता उतना ही बढ़ता जाएगा। अगर कलम का इस्तेमाल गलत काम में किया तो जिम्मेदार आप होंगे। उन्होंने कहा कि वह रहती कागजी कार्रवाई कर लेंगे, लेकिन लागू कल से होगा। 586 नए पटवारियों की भर्ती के लिए इश्तिहार जारी किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि मुझे कुर्सी नहीं जिम्मेदारी सौंपी है। अब के लोग चहाते हैं कि अगले दिन ही नतीजा आए। जमाना इतना फास्ट हो गया। रास्ते में रेस्टोरेंट में एक विडों पर आर्डर, दूसरी विडों में बर्गर चको, आर्डर लो और चलो। जमाना फास्ट हो गया। उन्होंने कहा कि पुराने रीति-रिवाज व कानून समझ लो तोड़ने पड़ने हैं। जब कभी भी कोई आदमी भ्रष्टाचार, किसी गैर प्रभावित या किसी गलत सिस्टम के खिलाफ या बदलने बारे नारे लगाता है तो पक्का है कुदरती सिस्टम का फायदा उठाने वाले रिएक्शन करते हैं ऐसे कैसे हो सकता है।

सी.एम. मान ने कि लाख में से 710 ही टेस्ट क्लियर हुए हैं। पूर्व सरकारों ने जनता पर ध्यान नहीं दिया है। इस समय उन्होंने कहा कि जहां बैठा को भी व्यक्ति कह दे कि आपको पटवारी की नौकरी पाने के लिए किसी एम.एल.ए. या मंत्री तक सिफारिश करनी पड़ी हो, आपको घर बैठे चिट्ठी आई। इस दौरान पर सारा माहौल तालियों से गूंज उठा। आपको बुलाया गया, यही फर्क हैं। पहले भी नंबर बढ़िया आते थे लेकिन चढ़ावे चढ़ते थे। पहले पटवारी की नौकरी के लिए पैसे देने पड़ते थे। पहले सरकारें आपस में ही चलती रही। जनता, स्कूल व अस्पतालों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।

 

 

 

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