फिल्लौर/जालंधर (Public Updates TV): कुतबेवाल गांव में नवरात्रि के पहले दिन एक हैरान करने वाला मामला सामने आया, जहां 47 वर्षीय महिला ने अचानक एक बच्ची को जन्म दिया। हैरानी की बात यह है कि 18 दिन पहले ही महिला के घर पोते का जन्म हुआ था और वह खुद दादी बनने की खुशी मना रही थी।
बताया जा रहा है कि देर रात महिला को अचानक प्रसव पीड़ा हुई। वह कमरे में अकेली थी और चुपचाप एक बच्ची को जन्म दे दिया। परिवार को भनक तक नहीं लगी। सुबह होते ही समाज के तानों और शर्मिंदगी के डर से महिला ने नवजात को कपड़े में लपेटकर बाहर फेंकने की कोशिश की, लेकिन गांववालों ने समय रहते बच्ची को बचा लिया।
परिवार ने बताया कि महिला की मानसिक स्थिति पहले से ठीक नहीं है। उन्हें यह भी अंदाजा नहीं था कि वह गर्भवती हैं। जब बच्चे के रोने की आवाज सुनकर बेटा और बहू कमरे में पहुंचे तो हैरान रह गए। बाद में गांव की एक दाई को बुलाकर प्रसव की प्रक्रिया पूरी करवाई गई।
महिला को गहरा मानसिक आघात लगा था और वह सदमे में चली गई। समाज की प्रतिक्रिया से डरकर उसने यह बड़ा कदम उठाया। बच्ची की हालत ठीक है और उसे एक नि:संतान परिवार को गोद दे दिया गया है।
यह घटना सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि उस सोच पर सवाल है जो उम्र, लाज और समाज के डर को मातृत्व से ऊपर रखती है।