नई दिल्ली (Public Updates TV): सूचना के अधिकार (RTI) के तहत जानकारी हासिल करना अब पहले से आसान, सस्ता और डिजिटल रूप से सुरक्षित होगा। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि RTI के तहत मांगी गई सूचना को ई-मेल या पेनड्राइव के जरिए आवेदक को उपलब्ध कराया जाए।
मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने यह फैसला एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सुनाया। कोर्ट ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक रूप में सूचना उपलब्ध कराने से समय और संसाधन दोनों की बचत होगी, साथ ही पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
तीन महीने में बनें नियम
कोर्ट ने केंद्र सरकार के सक्षम प्राधिकारी को निर्देश दिया है कि वह तीन महीने के भीतर इस दिशा में उचित नियम बनाएं। साथ ही, जानकारी की गोपनीयता और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त साइबर सुरक्षा उपाय भी अपनाए जाएं।
क्या कहा कोर्ट ने?
अदालत ने साफ किया कि सूचना उसी प्रारूप में दी जाएगी, जिस रूप में उसे मांगा गया है—चाहे वह स्कैन की गई फाइल हो, वीडियो क्लिप, डॉक्युमेंट या अन्य कोई डिजिटल माध्यम।
मामले की पृष्ठभूमि
यह फैसला RTI कार्यकर्ता आदित्य चौहान और एक अन्य व्यक्ति द्वारा दायर जनहित याचिका पर आया, जिसमें RTI से सूचना प्राप्त करने की वर्तमान प्रणाली की जटिलता और लागत को चुनौती दी गई थी।
इस फैसले के प्रमुख लाभ
✅ डिजिटल सुविधा: अब RTI जवाब घर बैठे ईमेल या पेनड्राइव में प्राप्त किया जा सकेगा।
✅ कम खर्च: प्रिंट, डाक और फोटोकॉपी खर्च से राहत।
✅ तेजी से सूचना: सूचना के पहुंचने की प्रक्रिया में लगने वाला समय घटेगा।
✅ गोपनीयता और सुरक्षा: कोर्ट ने साइबर सुरक्षा उपायों पर भी जोर दिया है।