Public Updates ( काजल तिवारी )-: आज की बड़ी खबर पनबस-पी.आर.टी.सी. ठेका कर्मचारियों यूनियन द्वारा राज्य स्तरीय मीटिंग का आयोजन स्थानीय बस अड्डे में किया गया , जिसमे 20 सितम्बर से होने वाली हड़ताल व बसों के चक्का जाम सम्बन्धी रुपरेखा त्यार की गई थी। प्रदेश प्रधान रेशम सिंह गिल, महासचिव शमशेर सिंह ढिल्लों, सरप्रस्त कमल कुमार, हरकेश सिंह विक्की, गुरप्रीत पन्नू ने बताया कि हड़ताल के दौरान 20 सितम्बर को चंडीगढ़ में रोष प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया जाएगा।

आपको बता दे की प्रधान रेशम सिंह गिल, महासचिव शमशेर सिंह ढिल्लों ने बताया कि पिछले दिनों चक्का जाम किया जाना था, लेकिन मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग का आश्वासन देकर हड़ताल रूकवा दी गई, लेकिन तय समय पर मीटिंग नहीं करवाई गई। उन्होंने कहा कि बार-बार पैनल मीटिंग का आश्वासन दिया जाता है लेकिन हर बार उन्हें निराशा हाथ लगती है। इसी के चलते 20 सितम्बर से अनिश्चितकालीन समय के लिए बसों का चक्का जाम किया जाएगा व रोडवेज, पनबस, पी.आर.टी.सी. की बसें बंद रहेगी। मीटिंग में पंजाब के विभिन्न शहरों की जिला कमेटियों के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। इनमें दलजीत सिंह जल्लेवाल, जलौर सिंह, जौध सिंह, सतपाल सिंह सत्ता, गुरप्रीत सिंह भुल्लर, संदीप सिंह ग्रेवाल, चाणन सिंह चन्ना मुख्य तौर पर मौजूद रहे। मीटिंग में हिस्सा लेकर विचार रखते हुए नेताओं द्वारा विभागीय नीतियों की आलोचना की गई। चानण सिंह ने कहा कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के स्थान पर उन्हें हर बार आश्वासन देकर वापस भेज दिया जाता है जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

वक्ताओं ने कहा कि किलोमीटर स्कीम के टैंडर रद्द किया जाए अन्यथा विरोध तेज होगा। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. के रूप में प्रति वर्ष 20-25 करोड़ का नुक्सान हो रहा है। विभाग यदि सभी ठेका कर्मचारियों को सीधे तौर पर अपने अधीन नौकरी पर रख लेता है तो जी.एस.टी. की राशि बच जाएगी। नेताओं ने कहा सरकार आवाज उठाने वाली यूनियनों को दबाना चाहती है, इसलिए कर्मचारियों संबंधी नए कानून बनाए जा रहे है ताकि विरोध करने वालों को नौकरी से निकाला जा सके।

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