Public Updates ( काजल तिवारी )-: जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में हुए बहुकरोड़ी घोटाले की जांच के दौरान विजीलैंस ने अब तक 10 करोड़ रुपए घोटाला पकड़ा है। फिलहाल आधिकारिक रूप से अभी तक इस पर कोई भी अफसर कुछ भी बोलने से गुरेज कर रहा है। सूत्र बता रहे हैं कि अकेले तीन प्लाट में 2.20 करोड़ रुपए की धांधली पकड़ में आई। जबकि कई एलडीपी कोटे वाले प्लाट और नान कंस्ट्रक्शन फीस के रूप में करीब 10 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है।
आपको बता दें कि पिछले साल 2022 में स्थानीय निकाय विभाग के चीफ विजीलैंस अफसर औऱ उनकी टीम द्वारा की गई पड़ताल के बाद अब विजीलैंस ब्यूरो की टीम ने पूरे 30 दिन तक पड़ताल की है। इस दौरान इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चपरासी, कर्मचारी से लेकर सभी अधिकारियों से घंटों पूछताछ हुई है।
इंप्रूवमेंट ट्रस्ट जालंधर में हुए बहुकरोड़ी घोटाले का खुलासा खुद चेयरमैन जगतार सिंह संघेड़ा ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पिछले महीने की थी। तब जगतार सिंह संघेड़ा ने कहा था कि उनके पास तमाम सारे सबूत हैं, जिनसे पता चलता है कि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के कुछ अफसर और बाबुओं ने मिलकर करोड़ों रुपए का घोटाला किया है।
हालांकि प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जगतार सिंह संघेड़ा ने किसी भी नेता, अधिकारी और कर्मचारी का नाम नहीं लिया था, और न ही ये बताया कि किस स्कीम में और किस प्लाट आवंटन में घोटाला हुआ है। जगतार सिंह संघेड़ा ने कहा था कि एक – एक प्लाट के आवंटन में 80 लाख रुपए से ज्यादा की धांधली की गई। इसकी जानकारी चेयरमैन संघेड़ा ने मुख्यमंत्री दफ्तर और विजीलैंस ब्यूरो को तथ्यों और सबूतों के साथ भेजी थी।
पिछले महीने प्रेस कांफ्रेंस के बाद ने इस पूरे मामले में पड़ताल शुरू की, तो बड़े ही चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। हैरानी की बात तो यह है कि कोई एक प्लाट या स्कीम में घोटाला नहीं हुआ, बल्कि बाबुओं ने अफसरों के साथ मिलकर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है।
सूत्रों के मुताबिक सूर्य़ा एंक्लेव के जांच में करीब 10 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक प्लाट संख्या 31-C, 32-C और 43-C के आवंटन के जरिए 2.20 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया है। इसके अलावा करीब 15 एलडीपी स्कीम के तहत प्लाट अलाट कर के करोड़ों रुपए की धांधली की गई है।
सूत्र बता रहे हैं कि कई प्लाटों का नान कंस्ट्रक्शन फीस माफ कर सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान किया गया है। इसमें एक सीनियर सहायक, एक जूनियर सहायक और एक अधिकारी का नाम साफ शब्दों में लिखकर कार्ऱवाई की सिफारिश की गई है। जिन तीन अफसरों पर कार्ऱवाई होनी है, वह सभी अभी ट्रस्ट के अलग-अलग दफ्तरों में तैनात हैं।
इस संबंध में अब आरटीआई एक्टिविस्ट करणप्रीत सिंह ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को चिट्ठी लिख कर कार्रवाई की मांग की है। करणप्रीत सिंह ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखे पत्र में कहा है कि एक महीने पहले इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन जगतार सिंह संघेड़ा ने प्रेस कांफ्रेंस कर बहुकरोड़ी घोटाले का खुलासा किया था, लेकिन अभी तक इसमें कोई जांच आगे नहीं बढ़ी।
करणप्रीत सिंह ने मांग की है कि इसकी जांच कर जिम्मेदार अफसरों से सारा पैसा वसूल किया जाए और एफआईआर दर्ज की जाए। उधर, इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन जगतार सिंह संघेड़ा ने कहा इस पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।