पंजाब सरकार द्वारा अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लगाने के बावजूद पटवारी यूनियन ने वीरवार से ही 3000 पटवार सर्कल में कलम छोड़ हड़ताल शुरू  कर दी है

पब्लिक अपडेट ( काजल तिवारी ) -: Patwari kalam Chor Strike पंजाब सरकार द्वारा अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लगाने के बावजूद पटवारी यूनियन ने वीरवार से ही 3000 पटवार सर्कल में कलम छोड़ हड़ताल शुरू कर दी है। दी रेवेन्यू पटवार यूनियन के प्रधान हरवीर सिंह ढींडसा ने चुनौती दी है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान अपने वायदे के अनुसार बेरोजगारों को इन 3000 सर्कल में पैन लेकर बैठा दें।

पंजाब सरकार द्वारा अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लगाने के बावजूद पटवारी यूनियन ने वीरवार से ही 3000 पटवार सर्कल में कलम छोड़ हड़ताल शुरू कर दी है। दी रेवेन्यू पटवार यूनियन के प्रधान हरवीर सिंह ढींडसा ने चुनौती दी है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान अपने वायदे के अनुसार बेरोजगारों को इन 3000 सर्कल में पैन लेकर बैठा दें। अतिरिक्त रूप से जो सर्कल उन्हें दिए गए है, उसका कामकाज नहीं करेंगे। अगर डिप्टी कमिश्नर अतिरिक्त कामकाज के लिए पटवारियों पर दबाव बनाएंगे तो हाईकोर्ट में उस अधिकारी के नाम से याचिका दायर की जाएगी।

बता दें कि खाली पड़े पदों को भरने, पदोन्नति देने समेत अन्य मांगों को लेकर पटवारी यूनियन ने 11 सितंबर से कलम छोड़ हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ने 30 अगस्त से 31 अक्टूबर तक राज्य में अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लागू कर दिया था। एस्मा हड़ताल को रोकने के लिए लगाया जाता है।

मुख्यमंत्री ने बीते कल कहा था कि कर्मचारी कलमछोड़ हड़ताल पर जाने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन दोबारा कलम लौटानी है या नहीं, सरकार तय करेगी। अब हड़ताल की समयावधि भी सेवा में शामिल नहीं होगी। हड़ताल कर लोगों को परेशान करने वाले कतई बर्दाश्त नहीं, क्योंकि प्रदेश में कई पढ़े-लिखे बेरोजगार नौजवान उनकी कलम पकड़ने को तैयार बैठे हैं। हो सकता है की सर्कार इनको अब कलम पकड़ने ही नाह दे अब कलम उन्ही नौजवानो को मिलेगी जो पढ़ लिख कर बैठे है बेरोजगार

आपको बता दे की मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था कि हमें पता चला है कि जिला कार्यालयों के कर्मचारी, जिनमें पटवारी व कानूनगो भी शामिल हैं, रिश्वत मामले में फंसे एक पटवारी के समर्थन में 11 से 13 सितंबर तक हड़ताल करने जा रहे हैं। वहीं, यूनियन के प्रधान हरवीर सिंह ढींडसा ने कहा, राज्य में 4716 पटवारी सर्कल है। जिसमें से 3000 सर्कल खाली पड़े है। मुख्यमंत्री ने 6 जुलाई 2023 को 1090 पटवारियों की ज्वाइनिंग करवाई थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि ट्रेनिंग के दौरान इन्हें बेसिक तनख्वाह 19,900 रुपये दिया जाएगा।, लेकिन मुख्यमंत्री अपने वादे पर खरे नहीं उतरे। इन पटवारियों को 5000 रुपये प्रतिमाह ही मिल रहा है।

सीएम ने कहा था कि पटवारी एक लाख की तनख्वाह लेते हैं

प्रधान ने कहा कि पटवारी अपने सर्कल में ही काम करेंगे। अतिरिक्त रूप से अलाट सर्कल का कामकाज नहीं देखेंगे। यह कलम छोड़ो हड़ताल आज से ही शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री अपने वादे के मुताबिक 3000 सर्कल में बेरोजगारों को कलम देकर बैठा दें। यूनियन भी इसका स्वागत करेगी। यूनियन ने यह भी चुनौती दी कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि पटवारी 1.50 लाख रुपये तनख्वाह लेते है, एक भी पटवारी का वह नाम बता दे जिसे 1.50 लाख रुपये तनख्वाह मिलती है। ढींडसा ने कहा, जब पंजाब में 12 जिले होते थे तब भी 4716 पद होते थे। अब 23 जिले है। तब भी इतने ही पद है। जबकि आबादी के हिसाब से इसकी संख्या 7500 होनी चाहिए थी। पटवारियों पर काम थोपा जाता है। क्योंकि सरकार को 423 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की बचत होती है।

 

 

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