Jalandhar News:  जालंधर (Jalandhar) में गुलमोहर सिटी एक्सटेंशन (Gulmohar City Extension) कालोनी के संचालकों और बिल्डर्स ने भगवंत मान सरकार (Bhagwant Mann) को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है। गुलमोहर सिटी एक्सटेंशन में अवैध रूप से करीब 200 कोठियां बना दी गई थी, जबकि इस कालोनी का लेआउट प्लान ही पास नहीं है। पिछले दिनों इस अवैध कालोनी में बन रही कई कोठियों पर डिच भी चली थी। लेकिन काम रुकने की बजाए यहां काम तेजी के साथ चल रहा है।

जानकारी के मुताबिक लम्मा पिंड चौक (Lamma Pind Chowk) से आगे होशियारपुर रोड (Hoshiarpur Road) पर थ्री स्टार कालोनी (Three Star Colony) के अंदर गुलमोहर सिटी एक्सटेंशन (Gulmohar City Extension) के नाम से करीब 10 एकड़ में अवैध रूप से कालोनी विकसित कर दी गई। इस कालोनी के संचालक इतने शातिर निकले कि गुलमोहर सिटी के नाम से कुछ हिस्सा पुडा से एप्रूव्ड करवा कर गुलमोहर सिटी एक्सटेंशन के नाम पर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा दिया।

गुलमोहर सिटी के अंदर गुलमोहर सिटी एक्सटेंशन का एक्सटेंशन होता रहा, लेकिन नगर निगम के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टे एक एटीपी ने इस अवैध कालोनी में गलत तरीके से कुछ प्लाटों की न केवल एनओसी जारी कर दिया, बल्कि नक्शे भी पास कर दिया, जबकि इस कालोनी का कोई लेआउट प्लान सरकार से पास ही नहीं है।

आरोप है कि नगर निगम के बिल्डिंग ब्रांच के कुछ अफसरों की मिलीभगत से गुलमोहर सिटी एक्सटेंशन में आज करीब 200 कोठियां अवैध रूप से बन रही हैं। जिससे राज्य सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा है। हालत यह है कि शिकायत के बाद उक्त कालोनी में नक्शे और एनओसी पास करने वाले अफसरों पर कोई कार्ऱवाई नहीं हुई।

शिकायत के बाद गुलमोहर सिटी एक्सटेंशन की कुछ अवैध काठिय़ों को पिछले दिनों एटीपी सुखदेव वशिष्ठ और उनकी टीम ने कार्रवाई की थी। कुछ कोठिय़ों को सील किया गया और कुछ कोठियों पर डिच चलाई। इस कार्ऱवाई के बाद कालोनी संचालक और बिल्डर्स पर तो कार्रवाई नहीं, लेकिन एटीपी का ट्रांसफर जरूर हो गया।

नगर निगम के अधिकारी बताते हैं कि गुलमोहर सिटी एक्सटेंशन का लेआउट प्लान न पास होने से यहां कोई नक्शा और एनओसी नहीं जारी की जा सकती है, बावजूद इसके कुछ कोठियों के नक्शे पास किए गए, बल्कि कुछ प्लाटों की एनओसी भी कर दी गई। जिससे अगर इसकी जांच हो तो कई अफसर नप सकते हैं।

जानकारी के मुताबिक गुलमोहर सिटी एक्सटेंशन में सड़कें नहीं बन सकती है। क्योंकि अवैध कालोनी होने के कारण इसे नगर निगम को हैंडओवर नहीं किया गया है। दूसरी तरफ कालोनी के मालिकों ने पानी और सीवरेज भी अवैध रूप से नगर निगम के लाइनों से जोड़ लिया है। जबकि अगर ये कालोनी वैध होती तो पानी-सीवरेज कनैक्शन के लिए नगर निगम के खजाने में शेयरिंग चार्ज भी जमा करवाना पड़ता।

गुलमोहर सिंह एक्सटेंशन अवैध है। यहां न तो नक्शा पास हो सकता और न ही प्लाटों की एनओसी हो सकती है। इसलिए अगर आप भी इस कालोनी में प्लाट या कोठी लेने की सोच रहे हैं तो अपने खून पसीने की कमाई इस कालोनी में मत लगाएं, नहीं तो कभी आपकी कोठी सील हो सकती है, या फिर निगम डिच चला सकता है।

 

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