15 जुलाई तक बढ़ा सत्र, आज पेश होंगे धार्मिक बेअदबी और CISF हटाने से जुड़े 5 अहम बिल, विपक्ष और सरकार आमने-सामने
चंडीगढ़/जालंधर (Public Updates TV): पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र गुरुवार को हंगामेदार माहौल के बीच जारी है। सत्र के पहले दिन विपक्ष के जोरदार विरोध और शोर-शराबे के बाद अब सरकार ने साफ कर दिया है कि वह सभी बड़े मुद्दों पर स्पष्ट और तथ्यात्मक जवाब देगी।
विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने जानकारी दी कि सत्र की अवधि बढ़ाकर अब 15 जुलाई तक कर दी गई है, ताकि सभी अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की जा सके।
बेअदबी और डैम सुरक्षा पर प्रस्ताव
सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को रोकने के लिए नए बिल के ड्राफ्ट से होगी। इस कानून को सभी पक्षों की राय लेने के बाद पारित किया जाएगा और बाद में इसे कंसल्टेंट कमेटी को भेजा जाएगा।
इसके अलावा, डैमों की सुरक्षा से CISF को हटाने और स्थानीय एजेंसियों को जिम्मेदारी देने से जुड़े 5 अहम प्रस्ताव भी सदन में पेश किए जाएंगे।
विपक्ष की तैयारी, सरकार की जवाबी रणनीति
विपक्षी दल कांग्रेस, बीजेपी और शिअद सरकार को कानून-व्यवस्था, लैंड पूलिंग पॉलिसी और नशा माफिया जैसे ज्वलंत मुद्दों पर घेरने की रणनीति बना चुके हैं। पंजाब भाजपा विधायक अश्वनी शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था संभालने में पूरी तरह विफल रही है और लोगों की सुरक्षा खतरे में है।
वहीं, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि सत्र में उठाए गए हर सवाल का जवाब “तारीख सहित तथ्यों के आधार पर” दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार बेअदबी जैसे संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति नहीं, बल्कि ठोस समाधान चाहती है।
आज सदन में पेश होंगे ये प्रमुख विधेयक
1. रयात बाहरा प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (होशियारपुर) बिल
2. सीजीसी यूनिवर्सिटी (मोहाली) बिल
3. पंजाब दुकान और वाणिज्यक प्रतिष्ठान (संशोधन) विधेयक 2025
4. पंजाब श्रम कल्याण निधि (संशोधन) विधेयक 2025
5. पशु क्रूरता निवारण (पंजाब संशोधन) विधेयक 2025
इसके अलावा दसूहा बस स्टैंड की खस्ताहाल स्थिति पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी सदन में उठाया जाएगा। यह मुद्दा विधायक करमबीर सिंह घुमन द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।
राजनीतिक माहौल गरम
सत्र की शुरुआत ही भारी शोर-शराबे और बहस से हुई है। विपक्ष सरकार पर हमला बोलने के लिए पूरी तरह तैयार है, जबकि आम आदमी पार्टी सरकार आत्मविश्वास के साथ बिल पास कराने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
ऐसे में यह सत्र पंजाब की राजनीति में कई अहम फैसलों और बहसों का गवाह बनने जा रहा है, जो राज्य की कानून व्यवस्था, धार्मिक भावनाओं और प्रशासनिक नीति पर दूरगामी असर डाल सकते हैं।