मेट्रो के 5 से ज्यादा मेट्रो स्टेशन पर खालिस्तानी नारे लिखने के मामले

पब्लिक अपडेट ( काजल तिवारी )-: breaking news एक ओर जहां राजधानी दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं। तो वहीं दूसरी तरफ दिल्ली को बदनाम करने की कोशिश की जा रही हैं। पिछले दिनों दिल्ली मेट्रो के 5 से ज्यादा मेट्रो स्टेशन पर खालिस्तानी नारे लिखने के मामले को दिल्ली पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को पकड़ा है। जानकारी के अनुसार, पुलिस ने प्रीतपाल सिंह को गिरफ्तार किया है और राजविंदर सिंह को हिरासत में लिया है। पुलिस ने बताया है कि दोनों आरोपी पंजाब के रहने वाले हैं। दोनों खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के सम्पर्क में थे।

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी एच जी एस धालीवाल ने बताया, “इस मामले में दिल्ली पुलिस ने दो एफआईआर 153,153A, 505 के तहत दर्ज की गई थीं। एक एफआईआर लोकल पुलिस और एक मेट्रो पुलिस ने दर्ज की थी। यह मामला पूरी तरह से ब्लाइंड था, लेकिन पुलिस स्पेशल सेल की टीम ने गहनता से जांच की और मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि इस मामले से पहले 26 जनवरी को भी कुछ ऐसा ही हुआ था तब विक्रमजीत व एक अन्य अज्ञात आरोपी इसमें शामिल थे।

 

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के स्पेशल सीपी एचजीएस धालीवाल ने बताया, “महत्वपूर्ण बात यह है कि स्लोगन 26 अगस्त की शाम को लिखे गए और मामले को बिना किसी विशेष इनपुट के पांच दिनों से भी कम समय में हल कर लिया गया।“ धालीवाल ने आगे कहा, “दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है। आरोपी प्रीतपाल सिंह को फरीदकोट से पकड़ा गया है जबकि उसका साथी राजविंदर भी इसी जगह का ही रहने वाला है। प्रीतपाल एक साल से अधिक समय से सोशल मीडिया के जरिए गुरपतवंत सिंह पन्नू के संपर्क में था। पन्नू ने उससे वादा किया था कि 7000 डॉलर दिए जाएंगे। इसके लिए उसे पहले ही 3500 डॉलर मिल चुके थे। उसने प्रीतपाल को अलग से 1 लाख रुपये भी भेजे क्योंकि उसके घर पर कोई बीमार था

आरोपी प्रीतपाल यहां दिल्ली 25 अगस्त को देर रात पंजाब मेल से दिल्ली आए। इसके बाद इन्होने दिनभर रेकी भी की और पेंट करने की जगहों को तय किया। इसके बाद 26 देर शाम को इन्होंने ग्राफिक्स पेंट करे फिर 27 को वापिस पंजाब चले गए। इन्होने पेंट पंजाब के बरनाला से खरीदा था। स्पेशल सीपी ने बताया कि यह मामला एक तरीके से ब्लाइंड था लेकिन स्पेशल सेल की सभी टीमों ने काम किया। दिन रात सीसीटीवी खंगाले और 5 दिनों के अंदर इस मामले को सुलझा लिया।

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