Diwali Lakshmi Puja: दिवाली का त्यौहार ( Diwali Lakshmi Puja ) पूरे देश में हर साल बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। दिवाली कर पर्व कार्तिक मास की अमवस्या को मनाया जाता है। त्यौहार अधर्म पर धर्म की जीत की ख़ुशी पर मनाया जाता है। इस दिन श्री राम जी ने रावण का वध करके और 14 साल का बनवास काट के अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापिस आए थे । भगवान् श्री राम के आने की ख़ुशी में पूरी अयोध्या को फूल और दीपो के साथ जगमग किया गया था । दिवाली वाले दिन माँ लक्ष्मी गणेश और माँ सरस्वती की पूजा की जाती है। आइए जानते है की कैसे माँ लक्ष्मी, गणेश और माँ सरस्वती को प्रसन किया जाता है।
दिवाली वाले दिन पूजा प्रदोष काल में करनी चाहिए। आप माँ लक्ष्मी गणेश और माँ सरस्वती की मिटटी की मूर्ति बाजार से ला सकते है……. और एक छोटे से टेबल पर लाल कलर का कपड़ा बिछाए और उसमे भवान को विराज दें।
एक कलश ले कलश को मौली बांधे और टीका लगाएं माला चढ़ाये उसके बाद एक पीतल का कलश ले उसमे जल भरे और साथ ही आप चांदी का सिक्का भी डाल सकते है नहीं तो दूसरे सिक्के का उपयोग क्र सकते है। माँ लक्ष्मी की पूजा में फल, फूल, पंचवमित्र,पतासा अदि रखे। माँ लक्ष्मी को प्रश्न करने के लिए कमल का फूल चढ़ाए और 5 घी व पांच तेल की जोत जलाएं । लक्ष्मी, गणेश और माँ सरस्वती, कुबेर और राम भगवान की पूजा अर्पणा करे और उसके बाद आरती कर भोग लगाएं ।
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दिवाली वाले दिन लाल रंग के वस्त्र को पहनना शुभ माना जाता है। इसीलिए लाल रंग के कपड़े पहने और साफ सफाई के साथ माँ लक्ष्मी, गणेश, सरस्वती कुबेर और श्री राम जी की पूजा करें। माना जाता है की दिवाली वाले दिन काले वस्त्र न पहने साफ़ सुथरे कपड़े पहनकर ही भगवान की पूजा करें और अपने परिवार के साथ इस पर्व को मनाएं।