नेशनल   Public Updates tv  Amarnath yatra 2024 : श्री अमरनाथ को तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है क्योंकि यहीं पर भगवान शिव ने मां पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था। इस तीर्थ की प्रमुख विशेषता पवित्र गुफा में बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग का निर्मित होना है। प्राकृतिक हिम से निर्मित होने के कारण इसे स्वयंभू हिमानी शिवलिंग भी कहते हैं। पवित्र गुफा समुद्र तल से 13,600 फुट की ऊंचाई पर स्थित है जिसकी भीतर की ओर गहराई 19 मीटर व चौड़ाई 16 मीटर है। अमरनाथ गुफा भगवान शिव के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है।

Amarnath yatra 2024

आज से शुरू होकर रक्षाबंधन तक पूरे सावन महीने में पवित्र हिमलिंग के दर्शनों के लिए लाखों लोग यहां आते हैं। गुफा की छत से पानी की बूंदें जगह-जगह टपकती रहती हैं। गुफा में एक स्थान ऐसा है जहां हिम बूंदों से लगभग 10 से 12 फुट ऊंचा हिम शिवलिंग बनता है। चंद्रमा के घटने-बढ़ने से शिवलिंग का आकार भी घटता-बढ़ता रहता है। श्रावण पूर्णिमा को यह अपने पूरे आकार में आ जाता है और अमावस्या तक धीरे-धीरे छोटा होता जाता है।

Amarnath yatra 2024

आश्चर्य की बात है कि शिवलिंग ठोस बर्फ का होता है जबकि गुफा में आमतौर पर कच्ची बर्फ ही होती है जो हाथ में लेते ही भुरभुरा जाती है। हिम शिवलिंग से कुछ फुट दूर गणेश, भैरव और पार्वती जी के वैसे ही अलग-अलग हिमखंड होते हैं। गुफा में आज भी श्रद्धालुओं को कबूतरों का एक जोड़ा दिखाई देता है जिन्हें श्रद्धालु ‘अमरपक्षी’ बताते हैं। मान्यता है कि वे भी अमर कथा सुनकर अमर हुए थे और जिन श्रद्धालुओं को कबूतरों का जोड़ा दिखाई देता है, उन्हें शिव-पार्वती मुक्ति प्रदान करते हैं।

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माना जाता है कि भगवान शिव भोले भंडारी ने पार्वती माता को इसी गुफा में वह कथा सुनाई जिसमें अमरनाथ यात्रा और उसके मार्ग में आने वाले अनेक स्थलों का वर्णन है। यह कथा कालान्तर में अमर कथा नाम से विख्यात हुई।

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