Public Updates ( काजल तिवारी ) -: श्री राम की जन्मभूमि स्थल पर भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया है । इस बीच इतिहास के जानकारों ने खुलासा किया है कि 1858 में अयोध्या में सबसे पहले बाबरी मस्जिद में सिख घुसे थे। उस दौरान निहंग सिंहों ने बाबरी मस्जिद में घुसकर जगह-जगह श्री राम का नाम लिखा था और यह साबित करने की कोशिश की थी कि यह श्री राम के जन्म का स्थान है।
इसके बारे में ना सिर्फ सिख ग्रंथों में जिक्र है बल्कि इतिहासकार भी इसकी जानकारी देते हैं। श्री राम जन्म स्थान के करीब ही अयोध्या में एक गुरुद्वारा है जिसका नाम है गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड। इसी गुरुद्वारे में सिखों के गुरु गोबिंद सिंह भी आकर ठहरे थे।
गुरुद्वारा ब्रह्मकुड़ के ज्ञानी गुरजीत सिंह खालसा के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि जब गुरुनानक देव जी यहां आए तो उन्होंने सबसे पहले राम मंदिर जाकर दर्शन किए थे। इतिहासकार रवि भट्ट के अनुसार 1858 में निंहग प्रमुख फकीर सिंह खालसा ने अपने 25 साथियों के साथ बाबरी ढांचे पर जबरदस्ती कब्जा कर लिया।
उन्होंने कई दिनों तक वहां यज्ञ भी संपन्न किया था और वहां केसरी निशान साहिब फहराया था। उन्होंने कोयले से बाबरी मस्जिद के ढांचे की सभी दीवारों पर राम-राम भी लिख दिया था। 30 नवंबर को मस्जिद अधिकारी ने उन्हें बाबरी ढांचे से बाहर निकालने के लिए FIR दर्ज कराई थी। सुप्रीम कोर्ट ने गुरु नानक साहिब की अयोध्या की तीर्थयात्रा पर भरोसा करते हुए कहा था कि बाबरी मस्जिद के निर्माण से बहुत पहले राम जन्म भूमि मंदिर वहां मौजूद था। ये तथ्य सर्वोच्च न्यायल के फैसले के पृष्ठ 992-995 पर वर्णित है।