पब्लिक अपडेट [ काजल तिवारी ] -: चंडीगढ़ में स्पोर्ट्स डे (SPORTS DAY) के अवसर पर 41 साल बाद स्पोर्ट्स पॉलिसी लागू हुई है। चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने इसे नोटिफाई किया हैं। 1982 में चंडीगढ़ का स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट बनने के बाद से अब तक कोई पॉलिसी नहीं थी। इस स्पोर्ट्स पॉलिसी में खिलाड़ियों को 6 करोड़ रुपए तक का नगद पुरस्कार रखा गया है। जो की हरियाणा के बराबर और पंजाब से दोगुना है।अब तक चंडीगढ़ के स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट को स्कौलरशिप के लिए 2 करोड रुपए का बजट मिलता था। जिसे बढ़ाकर अब 20 करोड़ किया जाएगा।
यह बजट स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट फाइनेंस डिपार्टमेंट को भेजेगा। इसके बाद इसका प्रावधान यूटी के एनुअल बजट में किया जाएगा।स्पोर्ट्स पॉलिसी में खेल का अधिकार सभी के लिए दिया जाएगा। डिपार्टमेंट के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खिलाड़ियों के साथ आम लोगों का भी अधिकार होगा। इसके लिए एक फीस तय की जाएगी। वह फीस देकर मेंबरशिप मिलेगी। उसके बाद कोई भी व्यक्ति विभाग के इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल कर सकता है।
अच्छे एथलीट्स तैयार करने वाले कोचेज को भी सम्मानित किया जाएगा। इंटरनेशनल एथलीट के अलावा नेशनल में मेडल दिलाने वाले कोचेज को भी कैश अवॉर्ड दिया जाएगा। एथलीट को ट्रेनिंग के साथ उनकी फिटनेस पर भी काम किया जाएगा। इसके लिए स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर बनाए जा रहे हैं। इसके लिए विभाग गवर्नमेंट अस्पतालों के साथ MOU साइन करेगा।