Public Updates ( काजल तिवारी ) -: आपको बता दे की पंजाब में सियासत गरमाई हुई नजर आरही है | प्रदेश कांग्रेस कमेटी PPCC के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर प्रदेश इकाई बैठकों से दूरी बना रहे है | और आपकी अलग ही खिचड़ी पका रहे है | और इस खिचड़ी से कांग्रेस के नेता सवार उठा रहे है और वरिष्ठ नेता असहज दिख रहे है | आपको जानकारी के मुताबिक बता दे की अमरिंदर सरकार में भी सिद्धू ऐसा करते थे |
लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की अहम मीटिंग में गुरुवार चंडीगढ़ कांग्रेस भवन में हुई। इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने भाग नहीं लिया। जबकि उनका नाम बीते सप्ताह जारी पंजाब इलेक्शन कमेटी में भी है। लेकिन सिद्धू ने इलेक्शन कमेटी की मीटिंग में आने की बजाय कांग्रेस के तीन पूर्व प्रधानों के साथ बैठक की। मीटिंग की तस्वीर को सोशल मीडिया पर भी शेयर की है।
सिद्धू ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा- चार पूर्व PCC प्रधानों के साथ मौजूदा राजनीतिक हालातों पर चर्चा। दरअसल, चंडीगढ़ के पंजाब कांग्रेस भवन में जिस समय इलेक्शन कमेटी की अहम बैठक चल रही थी, सिद्धू पूर्व प्रधान लाल सिंह, शमशेर सिंह दुलों और मोहिंदर केपी के साथ बैठक कर रहे थे।
कांग्रेस इंचार्ज बोलने से बचे देवेंद्र यादव से जब नवजोत सिंह सिद्धू के बारे में बातचीत हुई तो उन्होंने इसकी जानकारी न होने की बात कही। वहीं, उन्होंने इस बारे में बाद में बात करने को कहा। लेकिन स्पष्ट किया कि नवजोत सिंह सिद्धू प्रदेश इलेक्शन कमेटी का हिस्सा हैं और उन्हें इस बैठक में बुलाया गया था।
वहीं, नवजोत सिंह सिद्धू के रवैये का बीते लंबे समय से विरोध जता रहे अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने सिद्धू की तरफ से समानांतर की बैठक का आज भी विरोध किया और इसे अनुशासनहीनता करार दिया।
जब अमरिंदर सिंह राजा वडिंग से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रदेश इलेक्शन कमेटी की बैठक हो रही है और दूसरी तरफ नवजोत सिंह सिद्धू बैठक करते हैं तो यह डिसिप्लिन के खिलाफ है।
लेकिन वे भी इस दौरान सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई के बारे में कहने से बचे और कार्रवाई का अधिकार प्रदेश इंचार्ज के पास होने की बात कह, गेंद देवेंद्र यादव के पाले में फेंक दी। फिलहाल आपको बता दे की यह सियासी खेल समझ नहीं आ रहा है की क्या खेला खेला जा रहा है | देखो क्या होता है | कही ऐसा ना हो की ऐन मौके पर सतह ही पलट जाए |