National: भारत के प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा ने 86 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया, जिससे देश भर में शोक की लहर दौड़ गई। अपने जीवनकाल में रतन टाटा ने न केवल टाटा समूह को एक अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई, बल्कि अपनी उदारता और सामाजिक प्रतिबद्धता के लिए भी प्रसिद्ध रहे।
2012 में 74 साल की उम्र में चेयरमैन पद से रिटायर होने के बावजूद, उनकी छाप टाटा ग्रुप पर हमेशा बनी रही। रतन टाटा के निधन के बाद एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है – इस विशाल साम्राज्य की बागडोर अब किसके हाथ में होगी? टाटा समूह, जिसका मार्केट कैप लगभग 34 लाख करोड़ रुपये है, आने वाले समय में किस दिशा में जाएगा, इस पर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि, समूह ने पहले ही उत्तराधिकार योजना तैयार कर रखी थी।
वर्तमान नेतृत्व
टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के वर्तमान चेयरमैन एन चंद्रशेखरन 2017 से इस भूमिका को संभाल रहे हैं और समूह के विभिन्न व्यवसायों को सफलता पूर्वक आगे बढ़ा रहे हैं। हालांकि, भविष्य में अन्य प्रमुख व्यक्तित्वों की भी भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।
परिवार के सदस्य और उनके उत्तराधिकार की संभावना
जिम्मी टाटा: रतन टाटा के छोटे भाई जिम्मी टाटा भी रतन की तरह ही कुंवारे हैं। उन्होंने टाटा समूह की कई कंपनियों में काम किया और अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। हालांकि वे अक्सर सुर्खियों से दूर रहते हैं, लेकिन वह टाटा संस के शेयरधारकों में से एक हैं।
नोएल टाटा: रतन टाटा के सौतेले भाई, नोएल टाटा, समूह में एक अहम स्थान रखते हैं। वह टाटा इंटरनेशनल के चेयरमैन हैं और टाटा समूह की कई कंपनियों से जुड़े हुए हैं। उनके तीन बच्चे – माया, नेविल और लीह टाटा – टाटा ग्रुप की अगली पीढ़ी के नेता हो सकते हैं।
टाटा समूह के संभावित उत्तराधिकारी
नेविल टाटा (32 वर्ष): नेविल टाटा टाटा समूह के भीतर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। वह स्टार मार्केट (ट्रेंट लिमिटेड के तहत) के प्रमुख हैं और अपने नेतृत्व कौशल से भविष्य के संभावित लीडर के रूप में उभर रहे हैं। उन्होंने टोयोटा किर्लोस्कर समूह की मानसी किर्लोस्कर से शादी की है, जिससे उनका व्यावसायिक नेटवर्क और भी मजबूत हुआ है।
माया टाटा (34 वर्ष): माया टाटा ने बेयस बिजनेस स्कूल और यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक से पढ़ाई की है। टाटा ऑपर्च्युनिटीज फंड और टाटा डिजिटल में उनकी प्रमुख भूमिका रही है। उन्होंने टाटा न्यू ऐप की लॉन्चिंग में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जो उनकी भविष्यदर्शिता और नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है।
लीह टाटा (39 वर्ष): लीह टाटा टाटा समूह के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में एक प्रमुख भूमिका निभाती हैं। उन्होंने ताज होटल रिसॉर्ट्स एंड पैलेस के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है और वर्तमान में भारतीय होटल कंपनी के संचालन की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।
टाटा समूह का भविष्य
रतन टाटा के निधन के बाद, टाटा समूह के नेतृत्व में बदलाव की उम्मीद की जा रही है। नोएल टाटा और उनके बच्चों के सामने आने के साथ, समूह का भविष्य नवाचार, अखंडता और सामाजिक जिम्मेदारी के आदर्शों को बनाए रखते हुए आगे बढ़ने की उम्मीद है। आने वाले समय में टाटा ग्रुप के फैसले न केवल कॉर्पोरेट जगत को प्रभावित करेंगे, बल्कि भारत की आर्थिक स्थिति और इसके सबसे प्रतिष्ठित समूह के भविष्य को भी आकार देंगे।