जालंधर (Public Updates TV): पंजाब के जालंधर में 13 वर्षीय मासूम बच्ची की निर्मम हत्या के मामले में आरोपी को लेकर पास्टर अंकुर नरूला के बयान ने एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है। इस बयान के बाद पीड़ित परिवार गहरे आक्रोश में है और उनका कहना है कि ऐसे बयान उनके जख्मों पर नमक छिड़कने जैसे हैं।
“हमारे दर्द का मज़ाक उड़ाया जा रहा है” – पीड़ित परिवार
पीड़ित परिवार ने कहा कि बेटी के साथ हुई हैवानियत और उसकी मौत से न केवल पंजाब, बल्कि पूरा देश शोक में है। ऐसे संवेदनशील मामले में प्रभावशाली लोगों द्वारा दिए जा रहे बयान पीड़ा को और बढ़ा रहे हैं। परिवार का आरोप है कि कुछ लोग इस दर्दनाक घटना को गलत दिशा देकर झूठी लोकप्रियता हासिल करना चाहते हैं।
“तो जेलें खाली करवा दें” – परिवार का तीखा सवाल
परिवार ने कटाक्ष करते हुए सवाल उठाया कि यदि दोषियों को माफी देने की बात ही करनी है, तो फिर भारत की जेलों में बंद हत्या और बलात्कार के आरोपियों को रिहा क्यों नहीं करवा दिया जाता। उन्होंने कहा कि पास्टर अंकुर नरूला सभी जेलें खाली करवा कर ऐसे अपराधियों को अपने घर ले जाएं और उनके पाप माफ कर दें।
“आरोपी से नज़दीकी तो नहीं?” – संदेह भी जताया
परिवार ने यह भी कहा कि इस जघन्य अपराध के बाद आज तक किसी भी व्यक्ति ने आरोपी के लिए ऐसी ‘माफी’ की बात नहीं की। इससे यह संदेह पैदा होता है कि कहीं आरोपी पास्टर के करीबी तो नहीं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि रेप केस में जेल में सजा काट रहे पास्टर बलजिंदर के पाप अब तक क्यों माफ नहीं हुए।
“पीड़ितों के साथ नहीं तो चुप रहना बेहतर”
पीड़ित परिवार ने साफ शब्दों में कहा कि पास्टर अंकुर नरूला को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए था। अगर वे पीड़ित परिवार के साथ खड़े नहीं हो सकते थे, तो कम से कम ऐसे बयान देकर उनके दर्द को और गहरा नहीं करना चाहिए था।
परिवार के अनुसार, इस बयान ने पूरे मामले को धार्मिक और सामाजिक बहस की आग में झोंक दिया है।
क्या कहा था पास्टर अंकुर नरूला ने?

अपने बयान में पास्टर अंकुर नरूला ने कहा था कि आरोपी को कानून के तहत सजा जरूर मिलेगी, संभव है कि उसे फांसी भी हो जाए। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उसे स्पिरिचुअल माफी मिल सकती है। उनके अनुसार, यदि आरोपी यीशु मसीह से माफी मांगता है तो वह स्वर्ग की राह पर जा सकता है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह अपने धर्म का प्रचार करते हैं और पैसे लेकर धर्म परिवर्तन के आरोपों पर सबूत पेश करने की चुनौती दी।
मामला अब सामाजिक बहस में तब्दील
इस बयान के बाद जालंधर बच्ची हत्याकांड केवल कानूनी नहीं, बल्कि धार्मिक और सामाजिक बहस का मुद्दा बन चुका है। अब निगाहें प्रशासन और संबंधित आयोगों की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।
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