जालंधर/चंडीगढ़ (Public Updates TV): पंजाब की सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर कंचन तिवारी उर्फ कमल कौर भाभी की हत्या के मुख्य आरोपी अमृतपाल सिंह मेहरों ने इस जघन्य कृत्य की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने दावा किया कि कमल कौर के ‘अश्लील’ वीडियो समाज के लिए हानिकारक थे, और इसी कारण उन्होंने उसे मार डाला।
अमृतपाल सिंह मेहरों ने इस हत्या को ‘मोरल पुलिसिंग’ के तहत अंजाम दिया और अन्य महिलाओं को भी चेतावनी दी है कि वे ‘अश्लील’ सामग्री पोस्ट न करें। वहीं हत्या के बाद कमल कौर के मोबाइल में मौजूद अश्लील वीडियो को किसी ने वायरल कर दिया, क्योंकि हत्या के बाद से फोन गायब है जो अबतक नहीं मिला।
अमृतपाल सिंह मेहरों का संदिग्ध अतीत
अमृतपाल सिंह मेहरों का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। उन्होंने सिख धर्म अपनाया और निहंग बन गए। उनकी शिक्षा 12वीं तक ही हुई थी, और उन्होंने 2014 में आईटीआई मोगा से डीजल मैकेनिक्स में डिप्लोमा किया था।
निहंग बनने के बाद, उन्होंने 2022 में शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें केवल 6,363 वोट मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई। चुनाव में असफलता के बाद, उन्होंने अपनी पार्टी ‘कौम दे राखे’ बनाई ।
हत्या के बाद की घटनाएँ
कमल कौर की हत्या के बाद, अमृतपाल सिंह मेहरों ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर उसे बठिंडा में एक कार में मार डाला और शव को आदर्श मेडिकल यूनिवर्सिटी के पास पार्किंग में छोड़ दिया। हत्या के कुछ ही घंटों बाद, अमृतपाल सिंह मेहरों ने अमृतसर एयरपोर्ट से यूएई के लिए उड़ान भरी, और पुलिस ने उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है ।
पुलिस की कार्रवाई और आगामी कदम
पुलिस ने इस मामले में दो निहंगों को गिरफ्तार किया है और अमृतपाल सिंह मेहरों की गिरफ्तारी के लिए यूएई से प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अधिकारियों ने हत्या के मामले में यौन उत्पीड़न की संभावना को भी खारिज नहीं किया है, और विसेरा रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है ।
यह घटना सोशल मीडिया पर ‘मोरल पुलिसिंग’ के बढ़ते प्रभाव और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमलों की ओर इशारा करती है। अमृतपाल सिंह मेहरों की गिरफ्तारी और इस मामले में न्याय की प्रक्रिया पर सभी की नजरें टिकी हैं।