परगट सिंह ने विक्रम मजीठिया की गिरफ्तारी, नशे और बुलडोजर कार्रवाई पर भी दी प्रतिक्रिया, पढ़ें
जालंधर (Public Updates TV): फिल्म सरदार जी-3 पर लगे बैन और दिलजीत दोसांझ के खिलाफ उठते विरोध को लेकर पंजाब की सियासत गरमा गई है। जहां कुछ लोग गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ को निशाना बना रहे हैं, वहीं कांग्रेस विधायक परगट सिंह खुलकर उनके समर्थन में सामने आए हैं।
परगट सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि कुछ लोग दिलजीत को झुकाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह न दबा है और न दबेगा। उन्होंने कहा कि वह खुद दिलजीत के साथ खड़े हैं क्योंकि एक कलाकार का कोई धर्म या जाति नहीं होती। “हमें इस तरह के फालतू विवादों में नहीं उलझना चाहिए,” परगट ने दोटूक कहा।
सरकार पर साधा निशाना: “ड्रग्स पर कार्रवाई दिखावा, तस्करों के घरों पर नहीं चला बुलडोजर”
दिलजीत के समर्थन के साथ ही परगट सिंह ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दावा किया था कि उनके पास विजय इंदर सिंगला के खिलाफ सबूत हैं, लेकिन अब उन्हें क्लीन चिट मिल गई है।
उन्होंने सवाल उठाया, “अब किस पर भरोसा किया जाए?”
ड्रग्स के मुद्दे पर कटाक्ष करते हुए परगट ने कहा कि आप सरकार पहले ही चार बार पंजाब को ड्रग फ्री घोषित कर चुकी है, लेकिन जमीन पर सच्चाई कुछ और ही है।
तस्करों के घरों पर बुलडोजर चलाने की बात को उन्होंने ड्रामा करार देते हुए कहा कि सरकार ने सिर्फ शामलाट जमीनों पर कार्रवाई की है, असली तस्करों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
“मजीठिया की गिरफ्तारी पर कांग्रेस को कोई ऐतराज नहीं”
बिक्रम सिंह मजीठिया को लेकर परगट सिंह ने कहा कि सरकार को कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करनी चाहिए। पहले भी जब मजीठिया को गिरफ्तार किया गया था, किसी ने रोका नहीं। कांग्रेस का इस पर कोई विरोध नहीं है। उन्होंने दोहराया कि पंजाब का सिस्टम दुरुस्त होना चाहिए।
“राज वही अच्छा, जहां अच्छे को सुरक्षा और बुरे को डर हो”
पुलिस तंत्र पर उठते सवालों पर परगट सिंह ने कहा कि एक अच्छा शासन वही है, जहां अच्छे व्यक्ति को आत्मविश्वास मिले और बुरे को डर हो। उन्होंने कहा कि आज स्थिति उलट है – बुरे लोग थानों में कुर्सियों पर बैठे हैं और अच्छे लोग डर के मारे खड़े रहते हैं।
“भारत भूषण की हार लोगों का फैसला, पार्टी को करनी होगी आत्ममंथन”
लुधियाना वेस्ट से कांग्रेस नेता भारत भूषण आशु की हार पर भी परगट सिंह ने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि जनता का फैसला उन्हें मंजूर है। हो सकता है पार्टी से कोई चूक हुई हो, जिससे मतदाता दूर हो गए।
“कार्यकारी पद से इस्तीफा, पर पार्टी से नाराज नहीं”
अपने कार्यकारी पद से इस्तीफे पर परगट सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी से कोई नाराजगी नहीं है। वे चाहते हैं कि पार्टी नए चेहरे को मौका दे और संगठन को और अधिक मज़बूती दे।
निष्कर्ष
दिलजीत दोसांझ के समर्थन में खड़े होकर परगट सिंह ने न केवल कलाकारों की स्वतंत्रता की बात की, बल्कि पंजाब की मौजूदा सरकार की नीतियों और कार्रवाईयों पर भी सवालिया निशान लगाए हैं। उनका यह बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।