3000 करोड़ के लोन फ्रॉड में FIR, फंड डायवर्जन और रिश्वतखोरी की जांच
नई दिल्ली/मुंबई (Public Updates TV): CBI ने शुक्रवार को उद्योगपति अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई यस बैंक से लिए गए 3,000 करोड़ रुपए के लोन में धोखाधड़ी और फंड के दुरुपयोग के आरोपों को लेकर की गई है। जांच एजेंसी ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कर ली है।
क्या है पूरा मामला?
जांच के अनुसार, 2017 से 2019 के बीच रिलायंस ग्रुप की कुछ कंपनियों को यस बैंक से करीब 3,000 करोड़ रुपए के लोन दिए गए थे। शुरुआती जांच में सामने आया है कि इन फंड्स को फर्जी कंपनियों और ग्रुप की अन्य इकाइयों में डायवर्ट कर दिया गया।
इसके अलावा शक जताया जा रहा है कि यस बैंक के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत दी गई हो सकती है ताकि लोन पास कराए जा सकें।
ED पहले ही कर चुका है छापेमारी
इससे पहले 23 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़े 35 से ज्यादा ठिकानों पर छापे मारे थे। अब CBI की कार्रवाई से यह मामला और भी गंभीर होता नजर आ रहा है।
क्या हो सकते हैं आगे के कदम?
CBI इस मामले में रिलायंस ग्रुप की वित्तीय लेनदेन, बैंक अधिकारियों की भूमिका और फर्जी कंपनियों के नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारी या पूछताछ संभव मानी जा रही है।