चंडीगढ़/जालंधर (Public Updates TV): पंजाबी सिंगर राजवीर जवंदा (35) की सड़क हादसे में मौत के मामले ने अब कानूनी मोड़ ले लिया है। हादसे के बाद हरियाणा के पिंजौर में जिस निजी अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था, वहां इलाज में लापरवाही के आरोप लगे हैं। इसी को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है।
याचिका में कहा गया है कि राजवीर को हादसे के तुरंत बाद फर्स्ट एड तक नहीं दी गई, जिससे उनकी जान जा सकती थी। याचिका में मांग की गई है कि पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के सभी अस्पतालों में घायल मरीजों को तुरंत प्राथमिक उपचार देने के लिए ठोस प्रणाली बनाई जाए।

पहले हिमाचल हाईकोर्ट में दाखिल हुई थी याचिका
इस मामले की सुनवाई अब 27 अक्टूबर को होगी। याचिका एडवोकेट नवकिरण सिंह की ओर से दायर की गई है। उन्होंने बताया कि शुरू में हादसे की जगह की जानकारी गलत होने के कारण हिमाचल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
बाद में जब पता चला कि हादसा पिंजौर (हरियाणा) में हुआ है, तो वह खुद मौके पर पहुंचे और डीडीआर (डेली डायरी रिपोर्ट) की कॉपी ली।
एडवोकेट ने बताया कि डीडीआर में साफ लिखा गया है कि अस्पताल ने फर्स्ट एड नहीं दी। उन्होंने कहा — “यह एक बड़ी खामी है, इसलिए हमने जनहित याचिका दायर की ताकि भविष्य में किसी की जान इलाज की कमी से न जाए।”
💔 वरिंदर घुम्मन की मौत पर परिवार ने उठाए सवाल: “वी डिमांड जस्टिस” — इंस्टाग्राम पर परिवार की अपील
जालंधर। पंजाब के मशहूर बॉडी बिल्डर और एक्टर वरिंदर सिंह घुम्मन (43) की मौत ने भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं। एक्सरसाइज के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में हुई उनकी मौत पर परिवार ने सोशल मीडिया पर न्याय की मांग की है।

परिवार ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर #JusticeForVarinderGhuman हैशटैग के साथ लिखा —
“ये सिर्फ एक मौत नहीं, सवालों का समंदर है।”
परिवार के सवाल: “क्या ये नेचुरल डेथ थी या साजिश?”
पोस्ट में परिवार ने लिखा, “वरिंदर की मौत मेडिकल नेग्लीजेंसी का साफ केस लगती है। अगर मौत नेचुरल थी, तो बॉडी का रंग कैसे बदल गया? ऑपरेशन थिएटर की वीडियोज और अन्य सबूत कहां हैं?”
परिवार ने स्पष्ट किया कि वे किसी पर सीधे आरोप नहीं लगा रहे, पर सच्चाई सामने आनी चाहिए।
📌 दो बड़ी मौतों से उठा सवाल
राजवीर जवंदा और वरिंदर घुम्मन — दोनों की मौतों ने मेडिकल सिस्टम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जहां एक ओर जवंदा केस में अस्पताल की लापरवाही का आरोप है, वहीं घुम्मन केस में परिवार मेडिकल नेग्लीजेंसी और साजिश की आशंका जता रहा है।

