अमृतसर (Public Updates TV): श्री अकाल तख्त साहिब में आयोजित अहम बैठक में पंथिक परंपराओं और धार्मिक मर्यादा के उल्लंघन के मामलों की विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में पाँच व्यक्तियों ने अपने-अपने दोष स्वीकार करते हुए क्षमा याचना की, जिसके बाद पंज सिंह साहिबान ने सभी को उनकी गलती के अनुसार धार्मिक तनखा (सजा) सुनाई।

इन सजाओं में गुरुद्वारों में बर्तन मांजना, जोड़ें झाड़ना, नितनेम, विभिन्न पवित्र ग्रंथों का पाठ, धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन व संगत में वितरण जैसी सेवाएं शामिल हैं।
इसके साथ ही सभी को 1100 रुपए की कढ़ाह प्रसाद देग और 1100 रुपए गोलक में जमा करवाकर अरदास करने के निर्देश दिए गए हैं।
अकाल तख्त साहिब ने स्पष्ट किया कि पंथिक मर्यादा सर्वोपरि है और किसी भी प्रकार की अनुचित टिप्पणी, व्यक्तिगत बयानबाज़ी या धार्मिक परंपराओं का अनादर अस्वीकार्य है।
इन धार्मिक सजाओं का उद्देश्य सिख समाज में अनुशासन, श्रद्धा और गुरुमति अनुसार जीवन जीने की भावना को और सुदृढ़ करना है।
इन्हें सुनाई गई सजा
विरसा सिंह वलटोहा, अकाली दल के नेता, डॉ. करमजीत सिंह गुरु नानक देव विश्वविद्यालय उप-कुलपति, जसवंत सिंह भाषा विभाग पंजाब के निदेशक, ज्ञानी गुरबचन सिंह पूर्व जत्थेदार और भाई हरिंदर सिंह निरवैर खालसा जत्था यूके को सजा सुनाई गई है।
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