विजिलेंस ब्यूरो के सरकारी प्रवक्ता ने कहा, लोगों से मिली शिकायतों के आधार पर हुई गिरफ्तारी
जालंधर (Public Updates TV)। नगर निगम, जालंधर के सहायक नगर योजनाकार यानि कि एटीपी सुखदेव वशिष्ठ को विजिलेंस की तरफ से गिरफ्तार करने के बाद अदालत में पेश किया गया। माननीय अदालत ने पंजाब विजिलेंस ब्यूरो को एटीपी सुखदेव वशिष्ठ का 2 दिन का रिमांड दे दिया है।
एटीपी सुखदेव वशिष्ठ पर 30 हज़ार रुपए रिश्वत मांगने व अन्य कईं आरोप हैं, जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया है। इस बारे में विजिलेंस ब्यूरो के सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि उक्त मुलजिम को काम करवाने वाले लोगों से मिली शिकायतों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि उक्त मुलजिम जानबूझ कर अर्जियों को मंजूरियां देने में देरी करके लोगों से पैसे वसूल रहा था।
उन्होंने कहा कि जालंधर क्षेत्र में इमारतों के 70 फीसदी नक्शे नगर निगम द्वारा पहले ही मंजूर किए जा चुके हैं, लेकिन उक्त सहायक नगर योजनाकार सुखदेव वशिष्ठ ने रिश्वत न मिलने तक कुछ अर्जियों पर विचार करने से इंकार कर दिया था। शिकायतकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि उक्त एटीपी ने एक मामले को मंजूरी देने की प्रक्रिया के लिए उस व्यक्ति से 30 हज़ार रुपए रिश्वत मांगी थी।
शिकायतकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि उक्त मुलजिम आवेदकों को डराने के लिए निरीक्षण के दौरान इमारतों को सील करने व अन्य कार्रवाई की धमकियां भी देता था। वह अक्सर कहता है कि उसे अपने तबादले की भी परवाह नहीं है।
निगम में लोग शिकायत तो करते हैं, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। इसके चलते विजिलेंस में निगम की 100 से अधिक शिकायतें दर्ज है। इसमें अवैध निर्माण, बैक डेट में एनओसी, बीएंडआर और ओएंडएम ब्रांच की शिकायतें हैं।