जालंधर (Public Updates TV): पुलिस ने नगर कौंसिल नकोदर के प्रधान नवनीत ऐरी, पूर्व प्रधान आदित्य भटारा और सस्पेंडेड क्लर्क अशोक कुमार के खिलाफ सरकारी रिकॉर्ड से छेड़छाड़ और धोखाधड़ी करने के आरोप में केस दर्ज किया है। जिस के बाद सभी आरोपी फरार बताए जा रहे हैं। आरोप है कि बीती 25 सितंबर को म्युनिसिपल काउंसिल के ईओ रणधीर सिंह किसी मीटिंग के लिए जालंधर गए थे। उनके जाने के बाद पूर्व प्रधान आदित्य भटारा ऑफिस आए और मौजूदा प्रधान नवनीत ऐरी के साथ मिलकर साजिश रची। क्लर्क अशोक कुमार को कमरा नंबर 9 (प्रधान के कमरे) में बुलाया गया।

मौजूदा प्रधान और पूर्व प्रधान वहां पहले से मौजूद थे। सेवादारों को कमरे से बाहर निकालने और मामले को सीक्रेट रखने के लिए एक अजीब तरीका इस्तेमाल किया गया।
मौजूदा प्रधान नवनीत ऐरी ने कथित तौर पर क्लर्क अशोक को 200 रुपये दिए और सेवादार ऊषा रानी के लिए पकौड़े लाने और उसे 100 रुपये देने को कहा। मकसद साफ था सेवादारों का ध्यान खाने-पीने में लगाना और अंदर ‘काम’ करवाना।
एसएसपी जालंधर के ऑर्डर के बाद, सिटी पुलिस स्टेशन में दर्ज केस में ये धाराएं लगाई गई हैं सेक्शन 318(4), सेक्शन 336(2) और 336 (3): जालसाजी। सेक्शन 337: नकली डॉक्यूमेंट को असली के तौर पर इस्तेमाल करना। सेक्शन 3(5): कॉमन इंटेंशन (जब कई लोग मिलकर कोई क्राइम करते हैं)।
ऐसा कौनसा सीक्रेट था जिसे मिटाना था?
यह सारा हंगामा प्रॉपर्टी नंबर 276/A को लेकर था। रजिस्टर नंबर 3 (साल 2003-04): इस रजिस्टर में सीरियल नंबर 185/A पर दर्ज प्रॉपर्टी 276/A का रिकॉर्ड पूर्व प्रेसिडेंट आदित्य भटारा के परिवार का था।
आरोप है कि इस एंट्री को व्हाइटनर लगाकर या बंद कमरे में काटकर डिलीट किया गया ताकि विजिलेंस जांच में इसे बचाया जा सके।
गौरतलब है कि आदित्य भटारा की प्रॉपर्टी की जांच पहले से ही विजिलेंस ब्यूरो जालंधर में चल रही है। काम पूरा होने के बाद, रजिस्टर वापस रिकॉर्ड रूम में रख दिए गए। जिसके बाद नवनीत ऐरी और पुराने प्रधान आदित्य भटाराकार में चले गए।

