चंडीगढ़ (Public Updates TV): पंजाब सरकार ने एक बड़ी पहल करते हुए राज्य के 424 पुलिस थानों (Police station) में वर्षों से खड़ी करीब 75,000 जब्त गाड़ियों को हटाने के लिए नई पॉलिसी लागू की है। अब वाहन मालिकों को अपनी गाड़ी वापस पाने के दो मौके दिए जाएंगे। खास बात यह है कि पूरी प्रक्रिया में किसी वकील या बिचौलिए की जरूरत नहीं होगी।
डीजीपी ए.एस. राय की निगरानी में डीएसपी गुरदेव सिंह द्वारा तैयार की गई इस योजना को सरकार ने मंजूरी दे दी है। हर जिले में डिस्पोजल ऑफ व्हीकल कमेटी बनाई गई है और एसपी व डीएसपी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। थानों के एडिशनल एसएचओ हर 15 दिन में रिपोर्ट देंगे ताकि गाड़ियों का ढेर फिर से न लगे।
नई पॉलिसी के तहत पुलिस लोक अदालत में केस भेजेगी, जिससे वाहन मालिक कम जुर्माना देकर अपनी गाड़ी छुड़ा सकेंगे। पहले चरण में 35,323 गाड़ियों को डिस्पोज ऑफ करने की तैयारी है।
🔹 क्यों बढ़ा वाहनों का अंबार:
पिछले कई सालों से गाड़ियों पर इतना भारी जुर्माना लगाया गया कि लोग उन्हें छुड़ाने की बजाय थानों में ही छोड़ गए। कई मामलों में चालान की राशि गाड़ी की असली कीमत से ज्यादा हो गई। जैसे—20,000 की गाड़ी पर 40,000 का जुर्माना, तो मालिकों ने छोड़ना ही बेहतर समझा।
लोगों और पुलिस दोनों को फायदा
वाहन मालिकों को अपनी गाड़ियां वापस पाने का मौका
पुलिस थानों से हटेगा वाहनों का अंबार
प्रक्रिया होगी आसान और पारदर्शी
जुर्माने में मिलेगी राहत
डीजीपी अमरदीप सिंह राय ने कहा कि, “हमारा मकसद थानों से गाड़ियों का अंबार खत्म कर जनता को राहत देना है। इस नई नीति से पुलिस और लोगों दोनों को लाभ होगा।”