जालंधर/चंडीगढ़ (Public Updates TV): सरकारों द्वारा लंबे समय से किसानों के मुद्दों की अनदेखी और समाधान में विफलता के खिलाफ किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा ने सख्त रुख अपनाते हुए अपनी मांगों की सूची जारी की है।
पंजाब के विभिन्न जिलों में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों, रैलियों और सभाओं के माध्यम से किसान संगठनों ने केंद्र और राज्य सरकारों को चेतावनी दी है कि यदि इन मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया गया, तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।
मुख्य मांगे और प्रस्ताव
1. कर्ज माफी के लिए समिति गठन:
केंद्र सरकार तत्काल एक निष्पक्ष समिति बनाए जिसमें किसान मजदूर मोर्चा, किसान संगठन, पंचायत प्रतिनिधि, धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि, कृषि विशेषज्ञ और विधायकों को शामिल किया जाए। यह समिति तीन महीने में अपनी रिपोर्ट दे।
2. पूर्ण कर्ज माफी की घोषणा:
किसानों पर लदे पुराने कर्ज को तुरंत माफ किया जाए, जिससे उन्हें आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर न होना पड़े।
3. आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों के लिए राहत:
उनके परिवारों को 100% मुआवजा दिया जाए। उनके बच्चों को निःशुल्क शिक्षा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। यदि नौकरी संभव न हो, तो उन्हें 100% रोजगार मुआवजा मिले।
फसल और पशुधन से जुड़े मुआवज़े की मांगे
किसानों की 14 सूत्रीय मांगों में फसल क्षति और पशुधन हानि के लिए विशेष मुआवज़ा शामिल है।
फसल खराब होने पर 100% मुआवजा
पशु की मृत्यु पर ₹1.25 लाख
फसल क्षति पर ₹70,000 प्रति एकड़
गन्ना फसल की बर्बादी पर ₹1 लाख प्रति एकड़ मुआवजा
अगली फसल के लिए मुफ्त बीज और खाद
हर परिवार को ₹1 लाख उजाड़ा भत्ता
प्रदर्शन का विस्तार
यह आंदोलन केवल जालंधर तक सीमित नहीं है। लुधियाना, मोगा, फिरोजपुर, बठिंडा, मुक्तसर, फाजिल्का, फरीदकोट, मानसा, संगरूर, पटियाला, मोहाली, अमृतसर, नवांशहर, चंडीगढ़ सहित पंजाब के लगभग सभी ज़िलों और गांवों में किसान संगठन शांति, सद्भाव और नैतिकता के साथ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
मोदी बंद, रैलियां, सभाएं और बैठकें लगातार चल रही हैं, जिससे किसानों के धैर्य की सीमा का संकेत साफ हो चुका है।