स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट से खुलासा, चार दवाएं नकली ब्रांड नाम से तैयार
नई दिल्ली (Public Updates TV): देश में घटिया और नकली दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने के तमाम प्रयासों के बावजूद समस्या लगातार बनी हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को जानकारी दी कि जून 2025 में देशभर से एकत्र किए गए दवाओं के नमूनों की जांच में 185 दवाएं गुणवत्ता मानकों पर फेल पाई गईं।
इनमें चार दवाएं पूरी तरह नकली पाई गईं, जो किसी और कंपनी के ब्रांड नाम से अवैध रूप से तैयार की गई थीं।
मंत्रालय के मुताबिक, 55 दवाओं को केंद्रीय औषधि प्रयोगशालाओं और 130 को राज्य स्तरीय प्रयोगशालाओं ने घटिया करार दिया। ये मामले मुख्य रूप से बिहार, दिल्ली और तेलंगाना से सामने आए हैं, जहां से इन दवाओं को जब्त कर लिया गया है और संबंधित निर्माताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
कैसी होती हैं घटिया दवाएं?
घटिया गुणवत्ता की दवाएं वे होती हैं जो किसी न किसी मानक परीक्षण में फेल हो जाती हैं — जैसे दवा में सक्रिय तत्व (Active Ingredient) की मात्रा कम होना, घुलनशीलता सही न होना, या पैकेजिंग में खामियां।
स्वास्थ्य पर खतरा
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस तरह की दवाएं न केवल बीमारियों को ठीक करने में विफल रहती हैं, बल्कि मरीज की हालत और भी खराब कर सकती हैं। नकली दवाएं विशेष रूप से जानलेवा साबित हो सकती हैं।
सरकार की सतर्कता जरूरी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे दवा निर्माण और वितरण प्रणाली पर कड़ी निगरानी रखें और दोषी कंपनियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें।
इस खुलासे से साफ है कि भारत की दवा बाजार में गुणवत्ता नियंत्रण को लेकर अभी भी कई गंभीर चुनौतियां बनी हुई हैं।