चंडीगढ़ (Public Updates TV): पंजाब विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुधवार को शुरू हुआ, लेकिन पहले दिन की कार्यवाही महज 11 मिनट में खत्म हो गई। सत्र की शुरुआत श्रद्धांजलि सभा के साथ हुई, जिसमें तरनतारन के विधायक डॉ. कश्मीर सिंह सोहल, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा, लेखक डॉ. रतन सिंह जग्गी, शहीद नायक सुरिंदर सिंह, बलजीत सिंह, अहमदाबाद प्लेन क्रैश में मारे गए लोगों और अबोहर के व्यापारी संजय वर्मा को श्रद्धांजलि दी गई।
इसके बाद स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने सत्र की कार्यवाही 11 जुलाई सुबह 10 बजे तक स्थगित कर दी। सत्र की अवधि इतनी कम होने पर विपक्ष ने नाराजगी जताई और सरकार पर जमकर हमला बोला।
बाजवा का तीखा हमला: “काले कच्छे गांव लूटने आ गए”
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने लैंड पूलिंग बिल को लेकर सरकार पर हमला करते हुए कहा, “गांवों को लूटने के लिए काले कच्छे वाले आ गए हैं। लाठियां लेकर कोठों पर आ जाओ, एक मरला जमीन भी इन्हें नहीं देनी है।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष को बिल की कॉपी तक नहीं दे रही। “अगर सरकार गंभीर होती, तो हमें बिल पहले भेजती ताकि हम उसका अध्ययन कर पाते,” बाजवा ने कहा।
उन्होंने यह भी दावा किया कि खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान शुरू में इस बिल पर साइन करने को तैयार नहीं थे। बाद में दबाव में आकर हस्ताक्षर किए। “अगर यह बिल सही है, तो सभी शक्तियां चीफ सेक्रेटरी को क्यों दी गई हैं?” बाजवा ने सवाल उठाया।
गैंगस्टर मुद्दे पर भी सरकार घिरी
विधानसभा के बाहर विपक्ष ने पंजाब में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरा। सरकार ने इसके लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गुजरात की जेल से ही पंजाब में हत्याओं को अंजाम दे रहा है, जहां बीजेपी की सरकार है।
बिल और सत्र पर सवाल बरकरार
बाजवा ने मांग की कि विधानसभा सत्र की अवधि बढ़ाई जाए और एक दिन कानून-व्यवस्था, तो दूसरा दिन लैंड पूलिंग पर चर्चा के लिए रखा जाए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “अगर सरकार ऐसे ही फैसले लेती रही तो इसे नोबेल पुरस्कार दे देना चाहिए।”
यह सत्र भले ही मात्र 11 मिनट का रहा, लेकिन विपक्ष और सरकार के बीच तीखे सवाल-जवाब से माहौल पूरी तरह गरमा गया है।