चंडीगढ़/नई दिल्ली/सोलन (Public Updates TV): देशभर में बिक रही कई आम बीमारियों की दवाएं गुणवत्ता के मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) और विभिन्न राज्यों की ड्रग अथॉरिटी ने 181 दवाओं के सैंपल फेल घोषित किए हैं। इनमें से 46 दवाओं का निर्माण हिमाचल प्रदेश में हुआ है, जो औषधि उद्योग का हब माना जाता है।
सर्दी-खांसी, दर्द व एलर्जी की दवाओं की गुणवत्ता पर सवाल
इन फेल हुई दवाओं में अधिकांश का इस्तेमाल सर्दी, खांसी, जुकाम, एलर्जी और दर्द निवारण के लिए किया जाता है। इनमें कई प्रचलित दवाएं शामिल हैं जैसे कैल्शियम कार्बोनेट, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, रेबप्राजोल, पेंटाप्राजोल, जिंक सल्फेट, अमोक्सिसिलिन और अजिथ्रोमाइसिन।
CDSCO ड्रग अलर्ट: 53 दवाएं फेल, 20 हिमाचल की
CDSCO द्वारा जारी अलर्ट में 53 दवाएं फेल पाई गईं, जिनमें से 20 दवाएं हिमाचल में निर्मित हैं। वहीं, स्टेट ड्रग अथॉरिटी की रिपोर्ट में 128 दवाओं की गुणवत्ता में कमी पाई गई, जिनमें 26 हिमाचल की हैं।
गंभीर खामियां: घटिया सामग्री, धूल के कण, गलत लेबलिंग
जांच में सामने आया कि कई दवाओं में धूल के कण, मात्रा में कमी, और गलत लेबलिंग जैसी गंभीर खामियां थीं। कुछ मामलों में दवाओं में बताई गई सामग्री अनुपात में नहीं पाई गई, जिससे मरीजों की सेहत पर गंभीर असर पड़ सकता है।
किन राज्यों की दवाएं फेल हुईं?
CDSCO और स्टेट ड्रग अलर्ट के अनुसार, निम्नलिखित राज्यों की दवाएं जांच में फेल हुई हैं।
CDSCO के अनुसार
हिमाचल प्रदेश: 20
उत्तराखंड: 8
गुजरात: 5
मध्य प्रदेश और पंजाब: 4-4
बंगाल, हरियाणा, राजस्थान, सिक्किम, महाराष्ट्र: 2-2
उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु: 1-1
स्टेट ड्रग अलर्ट के अनुसार:
हिमाचल: 26
गुजरात व उत्तराखंड: 15-15
महाराष्ट्र: 9
मध्य प्रदेश व तमिलनाडु: 7-7
तेलंगाना, पुडुचेरी, हरियाणा: 6-6
पंजाब: 5
बंगाल: 4
गोवा, दिल्ली: 3-3
कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, चंडीगढ़: 2-2
छत्तीसगढ़, राजस्थान, आंध्र प्रदेश: 1-1
CDSCO ने दिए सख्त निर्देश
CDSCO ने सभी राज्यों के दवा नियंत्रकों को इन दवाओं पर त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। दवा कंपनियों पर जुर्माना और लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई संभव है।