जालंधर (public Updates TV): आप विधायक रमन अरोड़ा की गिरफ्तारी के बाद भ्रष्टाचार की परतें एक-एक कर खुल रही हैं। विजिलेंस की जांच में सामने आया है कि विधायक ने न सिर्फ अफसरों से मिलीभगत कर करोड़ों की संपत्ति बनाई, बल्कि ‘रेट कार्ड’ के जरिए पोस्टिंग से लेकर निर्माण कार्यों तक की सेटिंग में मोटी कमाई भी की।
‘रेट कार्ड सिस्टम’ से चलता था भ्रष्टाचार का खेल
जानकारी के अनुसार, विधायक अरोड़ा और ATP सुखदेव वशिष्ठ ने मिलकर एक ऐसा सिस्टम बना रखा था जिसमें अवैध निर्माणों को नोटिस देकर डरा-धमका कर रिश्वत वसूली जाती थी। बाद में वही फाइलें दबा दी जाती थीं। इस पूरी प्रक्रिया में करीब 75-80 नोटिसों की फाइलें बरामद की गई हैं जो कभी रजिस्टर में चढ़ाई ही नहीं गई थीं।
संपत्ति का साम्राज्य: फैक्ट्री से लेकर मार्केट तक सब कुछ
विधायक ने जालंधर के वेस्ट एरिया में एक फैक्ट्री, नाज सिनेमा के पास कमर्शियल इमारत, फुटबॉल चौक के पास ज़मीन और पीर बोदला में एक पूरी मार्केट खरीद ली। लम्मा पिंड में भी एक नई इमारत की तैयारी चल रही थी। विजिलेंस के पास अब तीन सूटकेस भर संपत्ति से जुड़े दस्तावेज हैं जिनकी जांच जारी है।
राजदारों ने खोले राज: पीए और करीबी घेरे में
विधायक के पीए रोहित कपूर, नगर निगम से जुड़े पीए हनी भाटिया और अन्य करीबी महेश मखीजा से भी गहन पूछताछ की गई। इनके घर से पेन ड्राइव, लैपटॉप और दस्तावेज जब्त किए गए हैं। पूछताछ में सामने आया कि पीए ही थानों की पोस्टिंग से लेकर पुलिसिंग सेटिंग तक में विधायक का काम देखता था।
‘मैं तो केवल पुलिस का काम देखता था’ – पीए की सफाई
पूछताछ में पीए कपूर ने कहा, “मैं तो केवल पुलिस से संबंधित काम देखता था, किसी लेनदेन में शामिल नहीं था।” मगर जब्त मोबाइल फोनों और दस्तावेजों से विपरीत संकेत मिल रहे हैं। विजिलेंस अब इन मोबाइल्स की फोरेंसिक जांच करवाकर डिलीट किए गए चैट्स और कॉल लॉग्स की रिकवरी कर रही है।
बुकी का नेटवर्क और विधायक की नियमित हाजिरी
रिपोर्ट्स के अनुसार, विधायक अरोड़ा ने एक बड़े बुकी के साथ मिलकर विदेश तक नेटवर्क फैला रखा था। दुबई तक फैले इस नेटवर्क के जरिए अवैध धन को संपत्तियों में बदला जाता था। सूत्रों का कहना है कि विधायक खुद बुकी के दरबार में हाजिरी लगाते थे।
सरकारी एक्शन: सुरक्षा छीनी, अफसर बदले
सरकार ने 13 मई को विधायक की सुरक्षा वापस ले ली और उनकी सिफारिश पर तैनात सभी ACPs, SHOs और अन्य अफसरों को हटा दिया गया। यह कार्रवाई उन्हें ‘पावरलेस’ करने की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।
ATP सुखदेव की कबूलात ने खोली पोल
गिरफ्तार ATP सुखदेव वशिष्ठ ने कबूल किया कि वह विधायक के कहने पर निर्माणाधीन इमारतों को निशाना बनाकर नोटिस भेजता था और बाद में उन्हीं फाइलों को दबा देता था। इसके बदले में मोटी रकम वसूल की जाती थी। सैकड़ों नोटिस बिना डिस्पैच रजिस्टर में दर्ज किए ही रखे गए थे।
अब आगे क्या?
आज विधायक रमन अरोड़ा को मेडिकल करवाकर कोर्ट में पेश किया जाएगा और संभावना है कि उन्हें रिमांड पर लिया जाएगा। पूछताछ में मिले इनपुट्स के आधार पर आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।